कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच इन स्वास्थ्य टिप्स से रखें अपने दिल(Heart) का ध्यान

कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच इन स्वास्थ्य टिप्स से रखें अपने दिल(Heart) का ध्यान

कोरोना पीड़ित मरीजों में दिल का दौरा पड़ने का अधिक खतरा होता है. कोरोना संक्रमित मरीज की रक्तवाहिनियों में खून के थक्के भी बन जाते हैं, जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ने का खतरा भी बढ़ जाता है.

कोरोना वायरस(Corona Virus) महामारी के प्रकोप को कम हुए अभी कुछ ही वक्त हुआ था, कि अब एक बार फिर से ये वायरस नया रूप लेकर आ गया है. एक बार फिर से कोरोना वायरस के केस देश में बड़ी संख्या में देखने को मिल रहे हैं.जो भी लोग पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं उनके लिए कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा खतरनाक है. जो लोग दिल के मरीज हैं उनको ऐसे समय में अपना खास ध्यान रखना होगा.

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन(Omicron) का खतरा भी बढ़ता नजर आ रहा है,ऐसे में दिल की सेहत का सही ढंग से ख्याल रखना मरीजों के लिए अति आवश्यक है.  कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लोगों में दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियां जैसे हार्ट अटैक(Heart Attack) और हार्ट फेलियर( Heart Failure) आदि का खतरा बढ़ गया है. अगर आपको दिल की बीमारी है, तो कोरोना होने पर और भी परेशानी हो रही हैं.

सर्दियों ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। और ठंडी के मौसम हमारे स्वास्थ से जुड़ी समस्या भी बढ़ जाती है। इसी मे एक है हार्ट अटैक की समस्या। सर्दी के मौसम में हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़ जाते हैं। इसके प्रमुख लक्षण सीने में दर्द और चक्कर आना शामिल है।  हालांकि इनके अलावा शरीर और भी कुछ छोटे-छोटे संकेत देता है। जिनको लोग अकसर नजरअंदाज कर देते हैं। यह ऐसे लक्षण होते हैं जिनकी समय पर पहचान से हार्ट अटैक के खतरे से बचा जा सकता है।

अपने दर्द के गुण का आकलन करें

हार्ट अटैक से सम्बद्ध दर्द बहुधा एक दबाव या निचुड़ने  का एहसास जैसा मालूम पड़ता है। यह हल्के दर्दनाक या बिलकुल ही दर्दहीन जो साइलेंट हार्ट अटैक्स में होता है से लेकर भयंकर दर्दनाक जिसे लोग तीव्रता के आधार पर 10 में से 10 अंक देते हैं तक हो सकता है। दर्द अधिकांशत सीने के क्षेत्र में होता है और बाँईं बांह में जबड़ों तक या आपके पीठ तक पहुँच सकता है।

दर्द से असम्बद्ध लक्षणों को देखें

हृदय प्रकरण के दौरान बांह , जबड़े, गर्दन और पीठ के दर्द के अतिरिक्त आप अन्य लक्षणों को भी देख सकते हैं। इनमें ये लक्षण शामिल हैं

  •  जी मिचलाना 
  •  सिर घूमना या चक्कर आना 
  •  ठंडा पसीना आना 
  •  सीने में कसाव के कारण सांस फूलना या सांस लेने में कठिनाई होना



कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच इन 5 टिप्स से रखें अपने दिल की सेहत का ध्यान

शुरू से साफ किया गया है कि दिल के मरीजों के लिए कोरोना का संक्रमण खतरनाक है. ऐसे में ऐसे मरीजों को कोरोना के प्रकोप से खुद को पूरी तरह से बचाना होगा. दिल के मरीजों में कोरोना संक्रमण होने की स्थिति में उनकी हृदय की मांसपेशियों में सूजन, फेफड़ों में ब्लड क्लॉट होना और हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्या का खतरा रहता है. आप इन 5 तरीकों को अपनाकर कोरोनाकाल में अपने दिल को गंभीर समस्याओं की चपेट में आने से बचा सकते हैं-

1. कोरोना संक्रमण के लक्षणों को गंभीरता से लीजिए

अक्सर यह देखा गया है कि डायबिटीज, हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों वाले मरीजों के अंदर कोरोना के लक्षण गंभीर रूप से नजर आते हैं. शुरुआती वक्त में ही कोरोना के लक्षणों को इन मरीजों को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि बाद में ये गंभीर रूप ले सकते हैं. अगर इन दिनों आपको भी हाई ब्लड प्रेशर, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ और पैरों में सूजन के लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और लक्षणों को किसी शर्त में नजर अंदाज ना करें.

2. अपने चिकित्सक के संपर्क में रहें

कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से बचने और दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए आपको नियमित रूप से अपने डॉक्टर से परामर्श आदि लेना चाहिए. अगर आपको सांस लेने में या किसी प्रकार की परेशानी हो तो तुरंत डॉक्टर को बताना चाहिए.समय-समय पर टेलीकम्युनिकेशन या ऑनलाइन माध्यमों से डॉक्टर से परामर्श जरूर लें.

3. कोरोना की वैक्सीन जरूर लगवाएं

अगर आप दिल से जुड़ी बीमारियों के मरीज हैं तो अपने डॉक्टर से एक बार सलाह लेकर जल्द से जल्द कोरोना की वैक्सीन जरूर लें. कोरोना की वैक्सीन लगवाने से आपका संक्रमित होने का जोखिम काफी कम होता है और संक्रमण से सुरक्षा मिलती है. अगर आपको वैक्सीन के बाद भी कोरोना होता है तो गंभीर स्थिति की चांस कम हैं. दिल की बीमारी से ग्रसित लोगों में कोरोना संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है ऐसे में आप अब बूस्टर डोज  भी अपने डॉक्टर की सहाल पर लें.

4. नियमित रूप से दवाओं का सेवन जरूर करें

अगर आप दिल से जुड़ी समस्याओं के मरीज हैं  कोरोना के जोखिम को कम करने के लिए नियमित रूप से अपनी दवाओं का सेवन जरूर करें. आपकी जो भी दवाएं हों उनको कभी भी बंद नहीं करना चाहिए.

5. खानपान और जीवनशैली का रखें ध्यान

दिल से जुड़ी ज्यादातर बीमारी आपके खानपान की आदतों और जीवनशैली के कारण होती हैं. ऐसे में इस कोरोना की तीसरी लहर के समय में दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को कम करने और हेल्दी रहने के लिए आपका खानपान संतुलित और स्वस्थ होना जरूरी .  नियमित रूप से कुछ देर घर के अंदर ही टहलना और एक्सरसाइज करना भी जारी रखें.

पूरे परिवार की लाइफस्‍टाइल बदले

शोध में सामने आया कि दिल का रोग होने पर रोगी की सामान्‍य देखभाल करने की बजाए पूरे परिवार को लाइफस्‍टाइल में बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया जाए तो यह उपचार के साथ साथ अन्‍य लोगों को रोग से बचाव का अधिक प्रभावी तरीका है। इस मॉडल की मदद से हाइपरटेंशन से पीड़ित लोगों का हाई ब्लड प्रेशर कम किया जा सकता है।

अध्‍ययन के मुताबिक, ज्यादा आय वाले देशों में रहने वाले लोगों के मुकाबले, भारतीय मूल के लोगों में आमतौर पर दिल की बीमारियों के मामले 10-12 साल पहले सामने आने लगते हैं। भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में, हृदय से संबंधी बीमारियां परिवारों को वित्तीय संकट की ओर ले जाती हैं।